स्पर्श व्यंजन कितने होते हैं और इन्हें किसे कहते हैं, यह एक महत्वपूर्ण विचार है, जिससे हिंदी भाषा के व्याकरण को समझने में मदद मिलती है। स्पर्श व्यंजन हिंदी भाषा में व्याकरण के महत्वपूर्ण हिस्से हैं और इन्हें समझना भाषा के सही उच्चारण और व्याकरण को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है।

इस लेख में, हम स्पर्श व्यंजनों की परिभाषा और उनकी कुल संख्या के बारे में बात करेंगे, ताकि आपको इनके महत्व का सामग्री रूप से समझने में मदद मिल सके।

स्पर्श व्यंजन

उच्चारण प्रयत्न के आधार पर व्यंजन को 8 भागों में बांटा गया है.

  1. स्पर्शी (16) – क, ख, ग, घ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, ध, प, फ, ब, भ.
  2. संघर्षी (4) – श, ष, स, ह.
  3. स्पर्श-संघर्षी (4) – च, छ, ज, झ.
  4. नासिक्य / अनुनासिक (5) – ङ, ञ, ण, न, म.
  5. पार्श्विक (1) – ल.
  6. प्रकंपी / लुंठित (1) – ऱ
  7. उत्क्षिप्त (2) – ड, ढ.
  8. संघर्षहीन / अंतस्थ (4) – य’, ‘र’, ‘ल’, और ‘व’.

स्पर्शी व्यंजनों की कुल संख्या 16 है – क, ख, ग, घ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, ध, प, फ, ब, भ.

स्पर्शी व्यंजन की परिभाषा

स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या 16 होती है, और इन्हें क-वर्ग, ट-वर्ग, त-वर्ग, और प-वर्ग के प्रथम चार-चार वर्णों में विभाजित किया जा सकता है। इन व्यंजनों का उच्चारण करते समय, मानव जिह्वा का द्वार बंद रहता है और उसका स्पर्श किसी अवयव के साथ होता है।

यहां स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या 16 है और इनके उदाहरण दिए गए हैं:

  1. क (कमल)
  2. ख (खरगोश)
  3. ग (गधा)
  4. घ (घर)
  5. ट (टमाटर)
  6. ठ (ठंडा)
  7. ड (डाक)
  8. ढ (ढलान)
  9. त (तालाब)
  10. थ (थल)
  11. द (दरवाजा)
  12. ध (धन)
  13. प (पंख)
  14. फ (फूल)
  15. ब (बाल)
  16. भ (भालू)

ये स्पर्श व्यंजन हिंदी भाषा में महत्वपूर्ण हैं और उनका सही उच्चारण भाषा के संरचना को सुनिश्चित करने में मदद करता है। इन व्यंजनों के उच्चारण को सीखने के लिए अभ्यास करना महत्वपूर्ण है, और वे हिंदी के शब्दों के ठीक से उच्चारण करने में मदद कर सकते हैं।

हिंदी भाषा के उच्चारण में किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है

किसी भी भाषा को सीखना एक चुनौती है और हिंदी कोई अपवाद नहीं है। इसके अपने विशिष्ट नियम हैं जिनका उचित उच्चारण के लिए पालन करना आवश्यक है। 

आपके हिंदी उच्चारण की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए, कुछ कारकों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है जैसे स्वर निर्माण, उच्चारण स्थान और तनाव बिंदु।

हिंदी में बोलते समय, प्रत्येक स्वर को सही ढंग से बनाना महत्वपूर्ण है ताकि अनुवाद में शब्दों का अर्थ खो न जाए। हिंदी सहित किसी भी भाषा को बोलते समय स्वर और लय निर्धारित करने में स्वर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

हिंदी शब्दों का उच्चारण करते समय एक्सेंट प्लेसमेंट का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि अलग-अलग एक्सेंट उनके अर्थ को काफी हद तक बदल सकते हैं। भाषा में इष्टतम प्रवाह प्राप्त करने के लिए कुछ सिलेबल्स का उच्चारण करना सीखते समय तनाव बिंदु महत्वपूर्ण होते हैं।

अपने बच्चों को स्पर्शी व्यंजन का उच्चारण कैसे सिखाएं

अपने बच्चों को स्पर्शी व्यंजनों का उच्चारण सिखाने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं:

  • दिखाने की प्रक्रिया: सबसे पहले, आप अपने बच्चों को स्पर्शी व्यंजनों को दिखाएं, उनकी पहचान कराएं और उनके चित्र दिखाएं। इससे उनकी समझ में आएगा कि कौन-कौन से वर्ण स्पर्शी हैं।
  • सबका प्रयोग: वर्णों के उच्चारण के साथ-साथ, उन्हें स्पर्श करने का तरीका भी दिखाएं। उन्हें सिखाएं कि वे जिह्वा को दंतों के साथ कैसे मिलाते हैं और वर्ण को कैसे उच्चारित करते हैं।
  • उच्चारण और प्रैक्टिस: बच्चों को वर्णों का उच्चारण करने के लिए प्रैक्टिस कराएं। उन्हें वर्णों को बार-बार बोलने का अभ्यास करने दें ताकि वे उन्हें सही तरीके से उच्चारित कर सकें।
  • खेल और गतिविधियां: खेल और गतिविधियों के माध्यम से उन्हें स्पर्शी व्यंजनों का उच्चारण सीखने में मदद कर सकते हैं। उन्हें खेल के रूप में सिखाएं जैसे कि “स्पर्शी व्यंजनों का खेल” या “वर्ण बिल्डिंग गेम”।
  • कहानियां और गीत: स्पर्शी व्यंजनों को सीखने के लिए कहानियों और गीतों का उपयोग करें जो इन वर्णों का उच्चारण करते हैं।
  • प्रातिक्रिया और प्रशंसा: जब बच्चे सही उच्चारण करते हैं, तो उन्हें प्राशंसा और प्रोत्साहित करें। इससे उनका सामर्थ्य और स्वागत बढ़ता है।
  • नैतिक कहानियां: समय-समय पर, बच्चों को स्पर्शी व्यंजनों के महत्व के बारे में नैतिक कहानियां सुनाएं जो स्पर्श व्यंजनों के उच्चारण का महत्व बताती हैं।
  • धैर्य और प्रतिस्थापन: धैर्य रखें और उन्हें गलतियों से सिखने का समय दें। उन्हें धीरे-धीरे सिखने और सुधारने का मौका दें।

स्पर्शी व्यंजनों का उच्चारण सीखने के लिए प्रैक्टिस और प्रयास की जरूरत होती है, इसलिए धैर्य रखें और बच्चों को संरचनित तरीके से सिखाने का प्रयास करें।

Conclusion Points

फेफड़ों के हवा से स्पर्श करने वाले व्यंजनों को स्पर्शी व्यंजन कहा जाता है. Sparsh vyanjan kitne hote hain? स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या 16 है. स्पर्श व्यंजन कितने होते हैं से संबंधित अन्य कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं.

ध्यानपूर्वक संशोधन करने पर पाया गया कि स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या 16 होती है और इनमें से क-वर्ग, ट-वर्ग, त-वर्ग और प-वर्ग के व्यंजन आते हैं। स्पर्शी व्यंजनों का उच्चारण करने के लिए सही प्रशिक्षण और practice की जरूरत होती है, और आप अपने बच्चों को इन्हें सिखाने में मदद कर सकते हैं।

मेरे प्यारे मित्र इससे संबंधित आपके पास अगर कोई प्रश्न हो तो आप बेझिझक होकर के कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं.

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