नासिक्य या अनुनासिक व्यंजन कितने होते हैं? उत्तर व परिभाषा जानिए

नासिक्य व्यंजन को ही अनुनासिक व्यंजन कहते हैं. नासिक्य व्यंजन कितने होते हैं? उत्तर जानिए – 5. आइए विस्तार पूर्वक जानते हैं.

नासिक्य या अनुनासिक व्यंजन

पहले आप को उच्चारण प्रयत्न के आधार पर व्यंजन प्रकार से परिचित कराना चाहता हूं. उच्चारण प्रयत्न के आधार पर व्यंजन को 8 भागों में बांटा गया है.

  1. स्पर्शी (16) – क, ख, ग, घ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, ध, प, फ, ब, भ.
  2. संघर्षी (4) – श, ष, स, ह.
  3. स्पर्श-संघर्षी (4) – च, छ, ज, झ.
  4. नासिक्य / अनुनासिक (5) – ङ, ञ, ण, न, म.
  5. पार्श्विक (1) – ल.
  6. प्रकंपी / लुंठित (1) – ऱ
  7. उत्क्षिप्त (2) – ड, ढ.
  8. संघर्षहीन / अंतस्थ (2) – य, व.

☛ नासिक्य व्यंजनों की कुल संख्या 5 होती है – ङ, ञ, ण, न, म.

नासिक्य व्यंजन की परिभाषा 

जिन व्यंजनों के उच्चारण में हवा मुख्य रूप से नाक से निकले, उसे नासिक्य कहा जाता है. उदाहरण –  ङ, ञ, ण, न, म.

Conclusion

जिन व्यंजनों के उच्चारण में नाक से हवा निकले, उसकी कुल संख्या 5 है – ङ, ञ, ण, न, म. अनुनासिक व्यंजन कितने होते हैंउम्मीद करता हूं कि आपको इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा. अगर आपको इसको लेकर कोई और सवाल हो तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए.

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