प्रकंपी या लुंठित व्यंजन कितने होते हैं? आपको इस प्रश्न का उत्तर मिलने ही वाला है, थोड़ा धैर्य रखकर आखिर तक चेक कर लीजिए.
पहले आप को उच्चारण प्रयत्न के आधार पर व्यंजन प्रकार से परिचित कराना चाहता हूं. उच्चारण प्रयत्न के आधार पर व्यंजन को 8 भागों में बांटा गया है.
- स्पर्शी (16) – क, ख, ग, घ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, ध, प, फ, ब, भ.
- संघर्षी (4) – श, ष, स, ह.
- स्पर्श-संघर्षी (4) – च, छ, ज, झ.
- नासिक्य / अनुनासिक (5) – ङ, ञ, ण, न, म.
- पार्श्विक (1) – ल.
- प्रकंपी / लुंठित (1) – ऱ
- उत्क्षिप्त (2) – ड, ढ.
- संघर्षहीन / अंतस्थ (2) – य, व.
☛ लुंठित व्यंजन की कुल संख्या 1 होती है – ऱ
लुंठित व्यंजन की परिभाषा
जिन व्यंजनों के उच्चारण में जिह्वा को दो से तीन बार कंपन करना पड़ता है, उसे प्रकंपी कहते हैं.
Conclusion
हिन्दी में केवल ‘ऱ’ व्यंजन प्रकंपी है. प्रकंपी या लुंठित व्यंजन कितने होते हैं? आशा करता हूं कि आप को इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा. इससे संबंधित अन्य प्रश्नों के लिए आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं.
लुंथिता वर्ण का अन्य नाम किया है