प्लुत स्वर, हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसका उपयोग हिंदी भाषा में ध्वनि और व्यक्ति के भाषा कौशल में किया जाता है।

यह एक विशेष प्रकार का स्वर होता है जिसका उच्चारण करने में सामान्य स्वरों की तुलना में अधिक समय लगता है। इसका उपयोग विशेष रूप से कविता और संगीत में होता है, और यह वाणीक कला के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में माना जाता है।

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इस लेख में, हम प्लुत स्वर के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करेंगे, जैसे कि इसका परिभाषा, इसकी उपयोगिता, और इसके उदाहरण। इससे आपको एक अच्छे से समझ में आएगा कि प्लुत स्वर किसे कहते हैं और यह कहां पर उपयोग होता है।

प्लुत स्वर का उदाहरण एवं उच्चारण 

प्लुत स्वर, हिंदी व्याकरण में एक विशेष प्रकार का स्वर होता है, जिसका उच्चारण करने में सामान्य स्वरों की तुलना में अधिक समय लगता है। यह ध्वनि विज्ञान में एक महत्वपूर्ण भाग माना जाता है, और इसका उपयोग विशेष रूप से संगीत और वाणीक कला में होता है।

प्लुत स्वर का उच्चारण करने में समय की मात्रा बढ़ जाती है, और इससे बोलने का ढंग और भी मधुर और सुंदर बन जाता है।

हिंदी व्याकरण के पुस्तकों के अनुसार, हिंदी में वर्णमाला में कुल 11 स्वर होते हैं, जिनमें से 4 होते हैं ह्रस्व स्वर और 7 होते हैं दीर्घ स्वर। अब प्लुत स्वर का उच्चारण करने के लिए कोई निश्चित मात्रा नहीं होती है।

इसके बजाय, प्लुत स्वर के उच्चारण का समय ध्वनि के प्रवृत्ति और मूख आकार के आधार पर निर्धारित होता है।

इसके अधिक जानकारी के लिए, आइए कुछ उदाहरणों के माध्यम से प्लुत स्वर के उच्चारण को समझते हैं:

  1. गाने के लेखक और गायक के बीच में संवाद में, जैसे: “रे मोहना और बाप रे! आदि !”
  2. गीतों, कविताओं, और किस्सों में प्लुत स्वर का अद्वितीय उपयोग होता है, जिससे कविता या गीत का विचार और भावनाएँ बेहतर रूप से प्रकट होती हैं।
  3. दृढ़ संवादों और अद्वितीय भाषा के लिए प्लुत स्वर का उपयोग भी किया जाता है, जिससे भाषा का मूल्यवाद और गहराई बढ़ जाती है।

इस तरह, प्लुत स्वर का उपयोग भाषा कला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और वाणीक कला को और भी सुंदर और प्रभावशाली बनाता है।

याद रखे कि उच्चारण के आधार पर स्वर के तीन प्रकार होते हैं. ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत स्वर. यही नहीं मूल एवं मात्रा स्वर के अन्य दो प्रकार हैं जो प्रयोग के आधार पर बांटा गया है.

अपने बच्चों कोप्लुत स्वर का उच्चारण कैसे सिखाएं 

प्लुत स्वर का उच्चारण सिखाने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

  • सुनाएं और दिखाएं: प्लुत स्वर का उच्चारण सिखाने के लिए, सबसे पहले अपने बच्चों को इसे सुनाएं और दिखाएं। आप उच्चारण के लिए उदाहरण दें जैसे “रे मोहना!” या किसी गीत के बोल।
  • स्वर की प्रवृत्ति: प्लुत स्वर का उच्चारण करते समय स्वर की प्रवृत्ति और ध्वनि की गति पर ध्यान दें। बच्चों को यह समझाएं कि प्लुत स्वर को धीरे से बोलना होता है और इसमें अधिक समय लगता है।
  • अभ्यास कराएं: बच्चों को प्लुत स्वर का अभ्यास करने के लिए धीरे-धीरे उच्चारण करने का मौका दें। उन्हें ध्वनि को बढ़ाते हुए स्वर को बोलने की अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • गीत या कविता के साथ: प्लुत स्वर का उच्चारण सीखते समय बच्चों को गीत, कविता या किस्सा के साथ इसका प्रयोग करने के लिए कहें। इससे वे उच्चारण को सीखने में अधिक रुचि रखेंगे।
  • प्रतिस्पर्धा और प्रशंसा: आप बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा आयोजित कर सकते हैं जिसमें वे प्लुत स्वर का उच्चारण करें। सही उच्चारण करने वाले बच्चों को प्रशंसा और प्रोत्साहित करें।
  • सहायता दें: अपने बच्चों को प्लुत स्वर का सही उच्चारण सिखाने के लिए सहायता करें और उनके प्रश्नों का उत्तर दें।
  • रोज़ अभ्यास: प्लुत स्वर का उच्चारण सीखने के लिए बच्चों को रोज़ अभ्यास करने की सलाह दें। अधिक अभ्यास करने से ही वे इसे सिख पाएंगे।
  • संगीत और गीत: प्लुत स्वर को सीखने के लिए संगीत और गीत के साथ जुड़ने का प्रयास करें। संगीत के माध्यम से बच्चों को स्वर का महत्व समझाना और प्र्लुत स्वर का उच्चारण करना सिखाना आसान हो सकता है।

प्लुत स्वर का उच्चारण सिखाने में समय और सब्र की आवश्यकता होती है, लेकिन सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से आपके बच्चे इसका माहिर हो सकते हैं। धीरज रखें और उन्हें निरंतर प्रैक्टिस करने का मौका दें, ताकि वे प्लुत स्वर को सही तरीके से उच्चारण कर सकें।

Conclusion Points

जिन स्वरों के उच्चारण करने में हृस्व स्वर से तीन गुना समय लगता हो उसे प्लुत स्वर कहते हैं. इस स्वर की कोई निश्चित संख्या नहीं है. इसका मिश्रित उच्चारण होता है. 

प्लुत स्वर भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक अनोखा और दिलचस्प तत्व है। इसका विस्तारित उच्चारण समय इसे हृस्व स्वर से अलग करता है, जिससे संगीत रचनाओं में गहराई और जटिलता जुड़ जाती है।

बिना किसी निश्चित संख्या या सुसंगत उच्चारण के, प्लुत स्वर कलाकारों को प्रयोग करने और अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।

चाहे आप एक संगीतकार हों या बस इस प्राचीन कला के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हों, प्लुत स्वर की बारीकियों को समझने से भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रति आपकी सराहना बढ़ सकती है। तो, इस आकर्षक क्षेत्र में गहराई से उतरें और प्लुत स्वर की धुनों को अपनी इंद्रियों को मोहित करने दें।

आशा करता हूं कि यह article आपके लिए ज्ञानवर्धक रहा होगा. आप दोस्तों से आग्रह करूंगा कि आपके मन में कोई भी इससे संबंधित प्रश्न हो तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए. 

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