क्या आप आ से ज्ञा तक हिंदी वर्णमाला सीखना या सिखाना चाहते हैं तो आपके लिए यह एक बहुत बेहतरीन आर्टिकल हो सकता है.
इस लेख में बारहखड़ी उपयोग करने का आपको एक नया तरीका मिलेगा। जिसके बाद आप बड़े ही आसानी से खुद भी k se gya tak सीख पाएंगे और अपने छोटे बच्चों को भी सिखा पाएंगे।
यही नहीं आप इस आर्टिकल के द्वारा अ से ज्ञ तक वर्णमाला को भी आसानी से सीख सकते हैं. थोड़ा सा धैर्य बनाकर नीचे तक चेक कीजिए, आपका समय मैं बिल्कुल बर्बाद नहीं करूंगा.
पहले हिंदी वर्णमाला के आ से ज्ञा तक जान लीजिए
हिंदी भाषा के वर्णमाला में कुल वर्णों की संख्या 52 है जिसमें से 13 स्वर हैं और बाकी 39 अलग-अलग प्रकार के व्यंजन हैं।
स्वर
अ (a) आ (aa) इ (i) ई (ee) उ (u) ऊ (oo) ए (e) ऐ (ai) ओ (o) औ (ou) अं (an) अः (aha) ऋ (ri).
व्यंजन
क (k) ख (kha) ग (ga) घ (gha) ड (nya)
च (cha) छ (chha) ज (ja) झ (jha) ञ (na)
ट (ta) ठ (tha) ड (da) ढ (dha) ण (na)
त (ta) थ (tha) द (da) ध (dha) न (na)
प (pa) फ (fha) ब (ba) भ (bha) म (ma)
य (ya) र (ra) ल (la) व (va) श (sha)
ष (sha) स (sa) ह (ha)
क्ष (ksha) त्र (tra) ज्ञ (gya).
आ से ज्ञा तक का बारहखड़ी चार्ट को कैसे याद करें
आ से ज्ञा तक का बारहखड़ी चार्ट को समझ करके आप हिंदी के किसी भी शब्द को सही से पढ़ और लिख सकते हैं. यह चार्ट वाकई ही बहुत काम का है.
बाराखड़ी चार्ट का उपयोग करने के लिए सबसे पहले आपको मात्रा का ज्ञान होना चाहिए, जो आपके लिए निम्नलिखित हैं।
- अ का मात्रा नहीं होता है – क = क
- आ का मात्रा -> ा + क = का
- इ का मात्रा -> ि + क = कि
- ई का मात्रा -> ी + क = की
- उ का मात्रा -> ु + क = कु
- ऊ का मात्रा -> ू + क = कू
- ऋ का मात्रा -> ृृ + क = कृ
- ए का मात्रा -> े + क = के
- ऐ का मात्रा -> ै + क = कै
- ओ का मात्रा -> ो + क = को
- औ का मात्रा -> ौ + क = कौ
- अं का मात्रा -> ं + क = कं
- अः का मात्रा -> ः + क = कः
नोट – ऋ का मात्रा -> ृृ + क = कृ, का प्रयोग बहुत कम होता है.
बाराखडी हिंदी वर्णमाला: पहले पूरा चार्ट को पढ़ लीजिए
क बारहखड़ी :
क का कि की कु कू
ka ka ki kee ku koo
के कै को कौ कं कः
ke kai ko kau kan kah
‘ख ‘ की बारहखड़ी :
ख खा खि खी खु खू
kha kha khi khee khu khoo
खे खै खो खौ खं खः
khe kai kho khau khan khah
‘ग ‘ की बारहखड़ी :
ग गा गि गी गु गू
ga ga gi gee gu goo
गे गै गो गौ गं गः
ge gai go gau gan gah
‘घ ‘ की बारहखड़ी :
घ घा घि घी घु घू
gha gha ghi ghee ghu ghoo
घे घै घो घौ घं घः
ghe ghai gho ghau ghan ghah
‘च ‘ की बारहखड़ी :
च चा चि ची चु चू
cha cha chi chee chu choo
चे चै चो चौ चं चः
che chai cho chau chan chah
‘छ ‘ की बारहखड़ी:
छ छा छि छी छु छू
chha chha chhi ghhee chhu chhoo
छे छै छो छौ छं छः
vhhe chhai chho chhau chhan chhah
‘ज ‘ की बारहखड़ी :
ज जा जि जी जु जू
ja ja ji jee ju joo
जे जै जो जौ जं जः
je jai jo jau jan jah
‘झ ‘ की बारहखड़ी :
झ झा झि झी झु झू
jha jha jhi jhee jhu jhoo
झे झै झो झौ झं झः
jhe jhai jho jhau jhan jhah
‘ट ‘ की बारहखड़ी :
ट टा टि टी टु टू
ta ta ti tee tu too
टे टै टो टौ टं टः
te tai to tau tan tah
‘ठ ‘ की बारहखड़ी :
ठ ठा ठि ठी ठु ठू
tha tha thi thee thu thoo
ठे ठै ठो ठौ ठं ठः
the thai tho thau than thah
‘ड ‘ की बारहखड़ी :
ड डा डि डी डु डू
da da di dee du doo
डे डै डो डौ डं डः
de dai do dau dan dah
‘ढ ‘ की बारहखड़ी :
ढ ढा ढि ढी ढु ढू
dha dha dhi dhee dhu dhoo
ढे ढै ढो ढौ ढं ढः
dhe dhai dho dhau dhan dhah
‘ण ‘ की बारहखड़ी :
ण णा णि णी णु णू
na na ni nee nu noo
णे णै णो णौ णं णः
ne nai no nau nan nah
‘त ‘ की बारहखड़ी :
त ता ति ती तु तू
ta ta ti tee tu too
ते तै तो तौ तं तः
te tai to tau tan tah
‘थ ‘ की बारहखड़ी :
थ था थि थी थु थू
tha tha thi thee thu thoo
थे थै थो थौ थं थः
the thai tho thau than thah
‘द ‘ की बारहखड़ी :
द दा दि दी दु दू
da da di dee du doo
दे दै दो दौ दं दः
de dai do dau dan dah
‘ध ‘ की बारहखड़ी :
ध धा धि धी धु धू
dha dha dhi dhee dhu dhoo
धे धै धो धौ धं धः
dhe dhai dho dhau dhan dhah
‘न ‘ की बारहखड़ी :
न ना नि नी नु नू
na na ni nee nu noo
ने नै नो नौ नं नः
ne nai no nau nan nah
‘प ‘ की बारहखड़ी :
प पा पि पी पु पू
pa pa pi pee po poo
पे पै पो पौ पं पः
pe pai po pau pan pah
‘फ ‘ की बारहखड़ी :
फ फा फि फी फु फू
pha pha phi phee phu phoo
फे फै फो फौ फं फः
phe phai pho phau phan phah
‘ब ‘ की बारहखड़ी :
ब बा बि बी बु बू
ba ba bi bee bu boo
बे बै बो बौ बं बः
be bai bo bau ban bah
‘भ ‘ की बारहखड़ी :
भ भा भि भी भु भू
bha bha bhi bhee bhu bhoo
भे भै भो भौ भं भः
bhe bhai bho bhau bhan bhah
‘म ‘ की बारहखड़ी :
म मा मि मी मु मू
ma ma mi mee mu moo
मे मै मो मौ मं मः
me mai mo mau man mah
‘य ‘ की बारहखड़ी :
य या यि यी यु यू
ya ya yi yee yu yoo
ये यै यो यौ यं यः
ye yai yo yau yan yah
‘र ‘ की बारहखड़ी :
र रा रि री रु रू
ra ra ri ree ru roo
रे रै रो रौ रं रः
re rai ro rau ran rah
‘ल ‘ की बारहखड़ी :
ल ला लि ली लु लू
la la li lee lu loo
ले लै लो लौ लं लः
le lai lo lau lan lah
‘व ‘ की बारहखड़ी :
व वा वि वी वु वू
va va vi vee vu voo
वे वै वो वौ वं वः
ve vai vo vau van vah
‘श ‘ की बारहखड़ी :
श शा शि शी शु शू
sha sha shi shee shu shoo
शे शै शो शौ शं शः
she shai sho shau shan shah
‘ष ‘ की बारहखड़ी :
ष षा षि षी षु षू
sha sha shi shee shu shoo
षे षै षो षौ षं षः
she shai sho shau shan shan
‘स ‘ की बारहखड़ी :
स सा सि सी सु सू
sa sa si see su soo
से सै सो सौ सं सः
se sai so sau san sah
‘ह ‘ की बारहखड़ी :
ह हा हि ही हु हू
ha ha hi hee hu hoo
हे है हो हौ हं हः
he hai ho hau han hah
‘क्ष ‘ की बारहखड़ी :
क्ष क्षा क्षि क्षी क्षु क्षू
ksha ksha kshi kshee kshu kshoo
क्षे क्षै क्षो क्षौ क्षं क्षः
kshe kshai ksho kshau kshan kshah
‘त्र ‘ की बारहखड़ी :
त्र त्रा त्रि त्री त्रु त्रू
tra tra tri tree tru troo
त्रे त्रै त्रो त्रौ त्रं त्रः
tre trai tro trau tran trah
‘ज्ञ ‘ की बारहखड़ी :
ज्ञ ज्ञा ज्ञि ज्ञी ज्ञु ज्ञू
gya gya gyi gyee gyu gyoo
ज्ञे ज्ञै ज्ञो ज्ञौ ज्ञं ज्ञः
gye gyai gyo gyau gyan gyah
अब आपको पता चल गया होगा कि इस आर्टिकल में क्या खास है, बाराखडी का उपयोग टेबल में करना बहुत ही मुश्किल होता है। मुझे पूर्ण रूप से आशा है कि आप को यह फॉर्मेट पसंद आया होगा।
बारहखड़ी क्या होता है?
मान्यता है कि बारहखड़ी पहली बार उपयोग श्री काका कालेलकर ने किया था। हिंदी में बारहखड़ी एक विशेष भाषा प्रणाली है जिसमें 12 कॉलम होते हैं और अक्षरों के अनुक्रम बनाने के लिए व्यंजन और स्वरों के संयोजन का उपयोग करते हैं।
यह भारत के लोगों द्वारा प्राचीन काल से उपयोग किया जाता रहा है, और आधुनिक हिंदी में अभी भी प्रासंगिक है। बरखड़ी हिंदी को समझकर देश के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और भाषाई विविधता के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है।
बरहखड़ी हिंदी के लिए बारह स्तंभ तालिका में व्यंजन-स्वर जोड़े के सभी संभावित संयोजन शामिल हैं।
इस प्रणाली में प्रत्येक अक्षर एक स्वर और एक व्यंजन दोनों का प्रतिनिधित्व करता है, हालांकि ऋ को पारंपरिक बरहखादी नियमों के अनुसार एक स्वर भी माना जाता है। प्रत्येक अक्षर की अपनी अनूठी ध्वनि होती है जो भाषा के उच्चारण और अर्थ का एक अभिन्न अंग बनती है।
Conclusion Points
दोस्तों हमें पूरी उम्मीद है कि आपको आ से ज्ञा तक का वर्णमाला अब बहुत अच्छे से समझ में आ गया होगा. यही नहीं यह वेबसाइट सिर्फ और सिर्फ हिंदी वर्णमाला के लिए बनाया गया है.
इस website पर आपको अनेक हिंदी वर्णमाला से संबंधित लेख पढ़ने को मिलेगा, अपने आवश्यकता एवं रुचि के हिसाब से नीचे दिए गए लिंक को चेक कर लीजिए.
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