क्या आप दीर्घ स्वर (Dirgh swar) का परिभाषा, कुल संख्या एवं उनके उदाहरण जानना चाहते हैं? अगर आप इन तीनों प्रश्नों के उत्तर जानना चाहते हैं तो आपके एक बेहतरीन वेबसाइट पर पहुंच चुके हैं. धैर्य बनाकर नीचे तक जरूर चेक करें.

दीर्घ स्वर
दीर्घ स्वर

दीर्घ स्वर किसे कहते हैं?

दीर्घ स्वर दूसरा नाम भी होता है आपको जरूर जान लेना चाहिए. दूसरा नाम द्विमात्रिक स्वर है. 

जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वरों से दुगुना समय लगता हो, उन स्वरों को दीर्घ स्वर कहते हैं.

दूसरा परिभाषा: जिन स्वर के उच्चारण में दो मात्राओं का समय लगे उसे दीर्घ स्वर कहते हैं।

दीर्घ स्वर कितने होते हैं?

हिंदी व्याकरण के पुस्तकों के अनुसार, दीर्घ स्वरों की कुल संख्या आठ होता है. जैसा कि आप जानते हैं हिंदी वर्णमाला में कुल 13 स्वर होता है उनमें से आ, ई, ऊ, ऋॄ, ए, ऐ, ओ, औ (8) दीर्घ स्वर हैं. 

  • आ, ई, ऊ, ऋॄ, ए, ऐ, ओ, औ (8)।

लृ ध्‍वनि का दीर्घ रूप ‘ॡ’ के वल वेदों में ही मिलेगा। याद रखे कि उच्चारण के आधार पर स्वर के तीन प्रकार होते हैं. ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत स्वर. यही नहीं मूल एवं मात्रा स्वर के अन्य दो प्रकार हैं जो प्रयोग के आधार पर बांटा गया है. 

दीर्घ स्वर कितने होते हैं?

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घ स्वर की संख्या केवल 7 होती हैं। किंतु आप उच्च कक्षा के व्याकरण की पुस्तक का अध्ययन करेंगे, तब पता चलेगा कि दीर्घ वृत्त की संख्या सही मायने में 8 ही होती है। “ऋॄ” दीर्घ स्वर को निम्न कक्षा के पुस्तकों में नहीं लिखा जाता है।

  1. ऋॄ
  2. औ ।

मेरे अनुसार दीर्घ स्वर की संख्या आठ होती है। 

दीर्घ स्वर के उदाहरण

आ का मात्रा ा जैसे काम. ई का मात्रा ी है जैसे खीर. ऊ का मात्रा ऊ ू है जैसे भूल. ए का मात्रा ए े है जैसे केश. ऐ का मात्रा ऐ ै है जैसे दैनिक. ओ का मात्रा  ो है जैसे चोर. औ का मात्रा ौ  जैसे चौखट.

ध्यान रखें कि इन शब्दों के उच्चारण करते समय ह्रस्व स्वर दुगुना समय दें. तभी आप का उच्चारण सही माना जा सकता है. 

दीर्घ स्वर का उच्चारण स्थान

  • आ – कण्‍ठ
  • ई – तालु
  • ऊ – ओष्‍ठ
  • ऋॄ – मरू्धा
  • ए – कण्‍ठतालु
  • ऐ – कण्‍ठतालु
  • ओ – कण्‍ठोष्‍ठ
  • औ – कण्‍ठोष्‍ठ।

हिंदी भाषा के स्वर का उच्चारण कैसे सीखें?

हिंदी भाषा के विभिन्न स्वरों का सही उच्चारण कैसे किया जाता है, यह जानने के लिए भाषा की ध्वन्यात्मक संरचना को समझना महत्वपूर्ण है। 

इसमें सिलेबिक संगठन का एक व्यापक ज्ञान शामिल है जिसमें प्रत्येक शब्द शामिल है, जिसमें इसकी ध्वन्यात्मक सूची, स्वर स्वनिम और उनके संबंधित ऑर्थोग्राफ़िक प्रतिनिधित्व शामिल हैं। 

इसके अतिरिक्त, किसी को बोलियों के बीच की बारीकियों से अवगत होना चाहिए, जिससे उच्चारण में थोड़ी भिन्नता हो सकती है।

क्या ऑनलाइन हिंदी सीखा जा सकता है?

विशेष रूप से भाषा अधिग्रहण के लिए उपलब्ध डिजिटल संसाधनों के प्रसार को देखते हुए, ऑनलाइन हिंदी सीखना निश्चित रूप से संभव है।

इंटरएक्टिव मल्टीमीडिया मॉड्यूल के संयोजन का लाभ उठाकर, जैसे कि MOOCs द्वारा पेश किए गए, और पाठ्यपुस्तकों और कार्यपुस्तिकाओं जैसी पारंपरिक शिक्षण सामग्री, शिक्षार्थी भाषा का एक मूलभूत ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। 

इसके अतिरिक्त, वर्तमान तकनीक स्काइप और यूट्यूब लाइव जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से देशी वक्ताओं के साथ रीयल-टाइम बातचीत की अनुमति देती है, जो एक समृद्ध भाषाई अनुभव प्रदान करती है जो सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाती है।

हिंदी Online सीखी जा सकती है या नहीं, इस सवाल पर काफी चर्चा और पड़ताल हुई है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भाषा अधिग्रहण कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें प्रदान किए गए निर्देश के प्रकार और भाषाई प्रसंस्करण के लिए शिक्षार्थी की योग्यता शामिल है, यह कहना सुरक्षित है कि सफलता के विभिन्न स्तरों के साथ हिंदी का ऑनलाइन शिक्षण प्राप्त किया जा सकता है।

Conclusion Points 

दीर्घ स्वर उस स्वर को बोला जाता है जिसे बोलने में ह्रस्व स्वर से दुगुना समय लगता हों. इस स्वर का कुल संख्या 7 हैं. आप पाठक से उम्मीद करता हूं कि, आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में जरूर लिखेंगे.

हिंदी भाषा का यह एक खास वेबसाइट है, जिसमें आप हिंदी वर्णमाला के अलावा व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के अल्फाबेट्स की जानकारी ले सकते हैं।

FAQs 

दीर्घ स्वर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर को लेकर अगले भाग में शामिल किया गया है जिसे पढ़कर आप अच्छी जानकारी ले सकते हैं।

प्रश्न – हस्व स्वर और दीर्घ स्वर क्या अंतर होता है?

उत्तर – जिन स्वर के उच्चारण में कम भार दिया जाता है उसे हस्व स्वर करते हैं जैसे अ, इ, उ, लृ। दीर्घ स्वर उसे कहा जाता है जिसके उच्चारण में दुगना समय दिया जाता है जैसे ऊ, ॡ, ॠ।

प्रश्न – आशुलिपि में कितने स्वर होते हैं?

उत्तर – आशुलिपि का उपयोग स्टेनोग्राफर तेज गति से लिखने के लिए उपयोग करते हैं। आशुलिपि में कुल 24 व्यंजन, 12 स्वर एवं चार द्विअर्थों होते हैं।

प्रश्न – मूल दीर्घ स्वर कितने होते हैं?

उत्तर – आ, ई, ऊ, ऋॄ, ए, ऐ, ओ, औ 8 मूल दीर्घ स्वर्ग है। डॉ भोलानाथ तिवारी के अनुसार, म, न का उपयोग दीर्घ एवं हस्व के रूप में होता है।

प्रश्न – संस्कृत में दीर्घ स्वर कितने होते हैं?

उत्तर – संस्कृत में 7 दीर्घ स्वर्ग हैं: आ, ई. ऊ ए. ऐ, ओ, औ।

प्रश्न – वर्ण किसे कहते हैं उदाहरण सहित बताइए?

उत्तर – ध्वनियों के सबसे मौलिक एवं सूक्ष्मतम रूप जिन्हें और खंडित नहीं किया जा सकता हो, उसे वर्ण कहते हैं। कुल 52 वर्ण होते हैं।

क, ख, ग, घ, ङ 

च, छ, ज, झ, ञ 

ट, ठ, ड, ढ, ण 

त, थ, द, ध, न 

प, फ, ब, भ, म 

य, र, ल, व 

श, ष, स, ह

क्ष, त्र, ज्ञ, श्र

ड़, ढ़

अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः।

प्रश्न – स्वर कितने होते हैं और कौन-कौन से हैं?

उत्तर – आधुनिक हिंदी भाषा में स्वर की संख्या कुल 13 होती हैं।

अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः।

प्रश्न – Dirgh swar kitne prakar ke hote hain?

उत्तर – उच्चारण की दृष्टि से दीर्घ स्वर के छह प्रकार होते हैं जो निम्नलिखित हैं:

  1. कण्‍ठोष्‍ठ – ओ, औ
  2. कण्‍ठतालु – ए, ऐ
  3. कण्‍ठ – आ 
  4. तालु – ई 
  5. ओष्‍ठ – ऊ 
  6. मरू्धा – ऋॄ ।

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